बांग्लादेश की पहली महिला प्रधानमंत्री थीं शेख हसीना। वह बांग्लादेश के इतिहास की एकमात्र महिला हैं जिन्होंने बार-बार प्रधानमंत्री के रूप में जिम्मेदारी निभाई है और देश की राजनीति में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है। उनका नेतृत्व, राजनीतिक दूरदृष्टि और संघर्षमय जीवन आज भी कई लोगों के लिए प्रेरणा का स्रोत है।
शेख हसीना का परिचय
शेख हसीना का जन्म 28 सितंबर 1947 को बांग्लादेश के गोपालगंज ज़िले के टुंगीपाड़ा में हुआ था। वह बांग्लादेश के राष्ट्रपिता बंगबंधु शेख मुजीबुर रहमान की ज्येष्ठ पुत्री हैं। राजनीति में उनका प्रवेश 1981 में हुआ, जब उन्होंने निर्वासन से लौटकर अवामी लीग की अध्यक्षता संभाली।
प्रधानमंत्री पद का आरंभ
1996 के राष्ट्रीय संसद चुनाव में अवामी लीग ने जीत हासिल की और शेख हसीना ने 23 जून 1996 को बांग्लादेश की पहली महिला प्रधानमंत्री के रूप में शपथ ली। यह देश के लिए एक ऐतिहासिक क्षण था, क्योंकि इससे पहले बांग्लादेश में कभी कोई महिला प्रधानमंत्री नहीं बनी थीं।
उनके शासनकाल की महत्वपूर्ण उपलब्धियाँ
- स्वास्थ्य सेवाओं का विकास – ग्रामीण स्वास्थ्य सेवा, कम्युनिटी क्लिनिक और मातृ एवं शिशु स्वास्थ्य पर विशेष बल दिया।
- शांति समझौता – 1997 में पर्वतीय चटगांव शांति समझौते पर हस्ताक्षर करके लंबे समय से जारी संघर्ष का अंत किया।
- महिला सशक्तिकरण – देश के विभिन्न स्तरों पर महिला नेतृत्व, शिक्षा के अवसर, रोजगार आदि क्षेत्रों में उल्लेखनीय प्रगति की।
- शिक्षा क्षेत्र में क्रांति – मुफ्त पुस्तक वितरण, छात्रवृत्ति योजना शुरू करना और सूचना प्रौद्योगिकी शिक्षा का विस्तार किया।
राजनीति में चुनौतियाँ और सफलताएँ
शेख हसीना का राजनीतिक जीवन केवल सफलताओं से নয়, बल्कि अनेक बाधाओं और कठिनाइयों से भी भरा हुआ है। उन पर बार-बार जानलेवा हमले हुए, राजनीतिक साज़िशें और व्यक्तिगत क्षति भी सहनी पड़ी, তব भी उन्होंने मजबूत इच्छाशक्ति के साथ देश का नेतृत्व जारी रखा।
2009 में, वह दोबारा प्रधानमंत्री चुनी गईं और तब से लगातार सत्ता में बनी हुई हैं। उनके शासनकाल में देश में बुनियादी ढाँचे का विकास, आर्थिक वृद्धि और अंतरराष्ट्रीय संबंधों में उल्लेखनीय मजबूती आई है।
शेख हसीना का ऐतिहासिक महत्व
बांग्लादेश की राजनीति में शेख हसीना का योगदान केवल एक महिला नेता के रूप में नहीं, बल्कि एक दूरदर्शी राष्ट्रनेता के रूप में भी अद्वितीय है। उनके नेतृत्व में बांग्लादेश विकासशील देशों की श्रेणी में शामिल हुआ है और कई अंतरराष्ट्रीय मान्यताएँ प्राप्त की हैं।
निष्कर्ष
बांग्लादेश के इतिहास में शेख हसीना केवल पहली महिला प्रधानमंत्री ही नहीं, बल्कि एक साहसी नेता, एक आदर्श राजनीतिज्ञ और एक जननेत्री भी हैं। उनका जीवन, संघर्ष और सफलता बांग्लादेश की महिला समाज को शक्ति और प्रेरणा प्रदान करता है। उन्होंने साबित किया है—महिलाएँ भी नेतृत्व कर सकती हैं, देश बना सकती हैं, और एक राष्ट्र को बदल सकती हैं।
अतिरिक्त प्रश्नोत्तर
शेख हसीना के पिता कौन थे?
शेख हसीना के पिता बंगबंधु शेख मुजीबुर रहमान थे, जिन्हें बांग्लादेश के राष्ट्रपिता के रूप में जाना जाता है।
शेख हसीना कितनी बार प्रधानमंत्री बनी हैं?
शेख हसीना 4 बार प्रधानमंत्री के रूप में कार्यरत रही हैं – 1996, 2009, 2014, और 2019 में।